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दर्द की छाया
कभी कभी खुश होने की कोई वजह नहीं होती है.. फिर भी खुश हो लेना चाहिए. और अगर आप खुश हैं तो अच्छी सी शायरी भी कर लेनी चाहिए.क्यूँकि...
ख़्वाब की ख्वाब जाने
तुझे हम अपना माने
दर्द की छाया से दूर
फैला है ख़ुशी का नूर
अनमोल जैसे कोहिनूर
मिटा है दिल का फितूर
भरम वादे का रखना
रुसवा कभी ना करना
बन चेहरे की मुस्कुराहट
दिल पर दे जाना दस्तक
कभी सुकून कभी हँसी की
बातें करना बनके सखी सी
वक़्त के संग समझ गये हैं
अपने पराये परख गये हैं
NOOR EY ISHAL
© All Rights Reserved
ख़्वाब की ख्वाब जाने
तुझे हम अपना माने
दर्द की छाया से दूर
फैला है ख़ुशी का नूर
अनमोल जैसे कोहिनूर
मिटा है दिल का फितूर
भरम वादे का रखना
रुसवा कभी ना करना
बन चेहरे की मुस्कुराहट
दिल पर दे जाना दस्तक
कभी सुकून कभी हँसी की
बातें करना बनके सखी सी
वक़्त के संग समझ गये हैं
अपने पराये परख गये हैं
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