...

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एक याद
मिलते मिलते रह जाता है मिलता नही
याद बेअसर आती है कुछ कहता नही

हवाओं फिजाओं में ढूंढता रहता है मैं
लाचार हु पर दिल है के मानता नही

साथ उसके बारिश भी बेवफा निकली
कटा पेड़ सी हु यहां फूल खिलता नही

एक मुसाफिर हु सौदागर मोहब्बत के
मुनाफा हो मुझे सौदा ऐसा दिखता नही

सब पूंजी लगा दी तू ए " JOGES" यहां
हाथों में किस्मत की लकीर दिखता नही

चलो सपनों में ही मुलाकात करले अब
पर क्या करे दोस्त रात को नींद आता नही

© joges