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“ ये भार नहीं है ये मेरा भाई है .......”
जापान में युद्ध के दौरान यह लड़का अपने मृत भाई को दफनाने के लिए अपनी पीठ पर लाद रखा था ।
यह देख एक सिपाही ने उससे कहा कि तुम इस भार को यहीं उतार दे क्योंकि तू बहुत थका हुआ लगता है और आगे बढ़ने में असमर्थ है ।

जानते हो उस बालक ने क्या उत्तर दिया? उस लडके ने कहा: यह भार नहीं है, यह मेरा भाई है! सिपाही उसकी भावना समझ गया और बहुत रोया।
तभी से यह फोटो चित्र जापान में एकता का प्रतीक बन गई है। आज जरूरी है कि हम जीवन में इस वाक्य को आदर्श वाक्य बनाएं:कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति मिले:

"ये भार नहीं है। ये मेरा भाई है ... "अगर वह गिर जाए तो उसे उठा लेना, थक जाने पर उसकी मदद करना, और अगर वह कमजोर है तो उसे सहारा देना, अगर वह गलती करता है तो उसे माफ कर देना, और अगर दुनिया उसे छोड़ देती है, तो उसे अपने कंधों पर ले लो, क्योंकि वो भार नहीं है।" .

वो तुम्हारा भाई है..!
इतिहास के पन्नों से .....।.
योगेश योगी ✍️✍️✍️✍️

@yogeshyogi22390
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