...

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चूड़ीवाला
पहले मेरे मोहल्ले में
आता था चूड़ीवाला
रंग बिरंगी शोख चूड़ियाँ
लाता था चूड़ीवाला

उसके आने की आहट सुन
मैं घर से बाहर आती थी
बेझिझक,  बेखौफ सी मैं
अपनी कलाई उसे थमाती थी

सतरंगी, इंद्रधनुषी चूड़ियाँ
पहनाता था चूड़ीवाला
चूड़ियाँ पहन जब मैं मुस्काती
मुस्काता था चूड़ीवाला

समय बीता, छूटी रंगीन चूड़ियाँ
हरी चूड़ियाँ मैंने पहनी
छोड़ अपनी अठखेलियाँ
बनी मैं साजन की सजनी

अब मुझे हरी चूड़ियों से
सजाता था चूड़ीवाला
समय बीता बिटिया हुयी सयानी
आता रहा चूड़ीवाला

काल की गति कब रुकती है
सूनी मेरी कलाई हो गयी
मेरे अधरों की मुस्कान
उनके संग वो भी खो गयी

आज भी मेरे मोहल्ले में
आता है चूड़ीवाला
मुझे छोड़, अब अगले घर
जाता है चूड़ीवाला


© Shweta Gupta

#ssg_realization_of_life