...

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तू मेरी किस्मत मेरा नसीब हो जा..
मेरे ज़ख़्मो पे मरहम की तरहा हो जा
तू मेरी किस्मत मेरा नसीब हो जा..

तुझे ता उम्र के लिए बनाऊँ अपना मेहरम
तू मेरे निकाह में शरीक़ हो जा..

तुझे चाहूँ मैं बेपनह
तेरे बिन न गुज़रे एक भी लम्हा..

तुझे खो कर फ़ना हो जाऊ मैं
तू मेरी जिंदगी की वो ज़रूरत हो जा..

तुझे ताज बनाऊँ मे अपने सर का
तू मुझ में मेरी रूह की तरहा हो जा..

खांन को नहीं जरूरत बहुत ज़्यादा की
तू मेरा आख़री लिबास हो जा..
@everyone

© K_khan_lines ..KK.. ✍