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इश्क़ इंतज़ार है
#इंतज़ार
दियों की सांस कब तक चलेगी
तू चला आ कि अब अंधियार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
मुहतसिब कोई मुझे रस्में सिखा दे
मुझे उसके दिल में बसना सिखा दे
कब तक गम-ए-इश्क़ में जले मेरा दिल
आके कोई आज मुझे हंसना सिखा दे
बुझ गया है चांद मदहोश सी बयार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
कली खिलने को थी मुरझा गई इंतज़ार में
देख इश्क़ आग लगी है यहां बाहर में
जल रहें है शदीद हम जो कोई बात नही
गम है! कि जल गया परवाना तेरे प्यार में
तू आए तो देख किस हाल में क्यार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
दियों की सांस कब तक चलेगी
तू चला आ कि अब अंधियार है।
© All Rights Reserved
दियों की सांस कब तक चलेगी
तू चला आ कि अब अंधियार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
मुहतसिब कोई मुझे रस्में सिखा दे
मुझे उसके दिल में बसना सिखा दे
कब तक गम-ए-इश्क़ में जले मेरा दिल
आके कोई आज मुझे हंसना सिखा दे
बुझ गया है चांद मदहोश सी बयार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
कली खिलने को थी मुरझा गई इंतज़ार में
देख इश्क़ आग लगी है यहां बाहर में
जल रहें है शदीद हम जो कोई बात नही
गम है! कि जल गया परवाना तेरे प्यार में
तू आए तो देख किस हाल में क्यार है
चिराग़ बुझने को है इसे तेरा इंतज़ार है।
दियों की सांस कब तक चलेगी
तू चला आ कि अब अंधियार है।
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