हर जगह हर तरफ है नारी
हर जगह हर तरफ है नारी:- कुछ लोग कहते है नारी का कोई घर नहीं होता, लेकिन नारी के बिना कोई घर, घर भी नहीं होता। दुनिया की पहचान होती है नारी से, दुनिया पर एहसान है नारी का हर घर की जान है नारी। बेटी मां बहन भाभी बनकर, हर घर की शान होती है नारी। कभी मत समझना तुम इसको कमजोर, बन जा तू स्वं की विधाता। तू ही तो निभाती हर रिश्ता नाता,जीवन के पथ में आने वाली हर बाधाएं तू ही तो हटाती है नारी। अब अपनी शक्ति को भी पहचान ले, छोड़ दें क्रंदन,तोड़ दे बंधन हर क्षेत्र में जीत है तेरी। ज्ञान ज्योति जला कर दुनिया है तूने उजियारी। इस संसार का नायाब आधार है नारी, सारे दुखो से लडने वाली एक अनोखी तलवार है नारी। मुश्किल हालात में भी कभी वो घबराती नहीं,हिम्मत देती और फिर आगे बढ़ जाती है नारी। हर जगह हर तरफ है नारी, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां है नारी नहीं। नारी के बिना हर जगह लगे है सुना, फिर भी क्यों नहीं समझते एक नारी की कीमत। डॉ.श्वेता सिंह 1.10.2020