स्वर्ग में सब कुछ है
स्वर्ग में सब कुछ है, लेकिन मौत नहीं। गीता में (डॉ श्वेता सिंह) सब कुछ है, लेकिन झूठ नहीं। दुनियां में सब कुछ है, लेकिन किसी को सुकून नहीं। आज के इंसान में सब काबिलियत है लेकिन सब्र नहीं। आज के जमाने में पैसा ही सब कुछ है, जो लेले एक दूसरे की जान भी। ले जाना किसी ने साथ नहीं, सब यहीं रह जाना है। तेरा मेरा करते करते एक दिन रिटर्न टिकट आ जाना है। फिर भी ना जाने क्यों हर तरफ दिखे है पैसा। पृथ्वी में सब कुछ है, लेकिन अपने लिए ही वक्त नहीं। ये पैसा ही किस काम का जो अपने और अपनों के लिए वक्त नहीं। कितना कठिन है सब्र की घूंट पीना जो इतनी आसानी से कहीं मिलता नहीं।(डॉ.श्वेता सिंह,पानीपत)
© Dr.Shweta Singh
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