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मैं_टेडी_जैसा_रहना_चाहता_हूं
मैं तेरे नज़दीक हर पल रहना चाहता हूं
टेडी जैसा मैं भी खेल-तमाशा चाहता हूं
इश्क़ की बातें में टेडी जैसी अठखेलियां
मैं अपनी कहानी में तेरा चेहरा चाहता हूं

नज़्मों में इश्क़ का एक एक पैग़ाम रखें है
टेडी के साथ ख़तों का ठिकाना चाहता हूं
नज़दीकियों का ज़िक्र लबों पे गुनगुनाती है
आज फिर इश्क़ का वही ज़माना चाहता हूं

झूठी - मूठी तकरार के मैं क्या बहाने लिखूं
उनकी नादानियों का इक फ़साना चाहता हूं
इश्क़ से धागों से टेडी जैसा रिश्ता बुनने लगें
मैं अपनी अदाओं से उनको हँसाना चाहता हूं

नए नए तोहफों में आज भी वही टेडी रखें है
इश्क़ के ख्वाबों ख्वाहिशों का तराना चाहता हूं
कुछ इस तरह नज़दीकियों पे एतबार रखें है
मैं उससे टेडी जैसा थोड़ा सा यगाना चाहता हूं

निगाहों में वफ़ाओं की कहानी समेटे हुए है
मैं हर शब्द में इश्क़ का अफ़साना चाहता हूं
नज़दीकियों के थोड़े थोड़े बहाने बुनने लगें
मैं वक़्त बे-वक़्त टेडी जैसा रहना चाहता हूं

© Ritu Yadav
@My_Word_My_Quotes