दिल की आवाज
दर्द में डूबे हुए नगमे हजारों हैं मगर,
साजे दिल टूट गया हो तो बजाए कैसे।
बोझ होता गमों का तो उठा भी लेते,
ज़िंदगी बोझ बनी हो तो उठाए कैसे।
© pk27
साजे दिल टूट गया हो तो बजाए कैसे।
बोझ होता गमों का तो उठा भी लेते,
ज़िंदगी बोझ बनी हो तो उठाए कैसे।
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