गज़ल- इश्क़
तुम हो सांसों में जिंदगी जैसे,
चांंद के साथ चांदनी जैसे।
जब भी आता खयाल है तेरा,
दिल में बजती है रागिनी जैसे।
तुम हो ख्वाबों खयाल...
चांंद के साथ चांदनी जैसे।
जब भी आता खयाल है तेरा,
दिल में बजती है रागिनी जैसे।
तुम हो ख्वाबों खयाल...