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उनका चेहरा - मेरी ग़ज़ल ❤️
कहते हैं अल्फ़ाज़ों से ही शायरी बनती है
पर उनका चेहरा तो ग़ज़ल से ही भरा है
फुर्सत में तराशा गया वो एक करिश्मा है
उनकी खूबसूरती से मेरा हर लफ़्ज़ सजा है

मोहब्बत तो एक छोटा सा लफ़्ज़ है
उसमें तो मेरी पूरी जान बस्ती है
मेरा तो रोम रोम उसका मेहरबान है
वो मेरे साथ मेरे साये की तरह चलती है

एक हद के बाद रुक जाती है मेरी नज़र
रब करे कि जहां तुम हो मैं वहीं तक देखूं
मेरे दिल ने तुम्हारे दिल तक सफ़र तय किया
मैं दिल तुम्हारा जान से ज़्यादा संभालकर रखूं

एक पल भी दूर तुमसे अब न रहा जाए
दर्द भरा लम्हा मुझसे अब न सहा जाए
कि कितनी तड़प है कितनी बेताबी है
ये तुम सुन लो मुझसे अब न कहा जाए


© विकास - Eternal Soul✍️