उस पहली रात...
मैंने उसकी
पेशानी को चूमने की बजाय
उसके पाँव की उंगलियों
की पौरों को चूमा
उसके पैरों की उंगलियों
के नाखूनों में नैल पॉलिश नहीं थी
एक धूल थी जमी हुई
जो केवल मुझसे मिलने
के लिए चलने पर
उसके पाँवों से लिपटी थी
उसके होंठो पर न सुर्खी थी
न गालों पर लालिमा
उसके होठों पर
एक पपड़ी जमी थी
जो लंबे सफर में
पानी न मिलने के कारण...
पेशानी को चूमने की बजाय
उसके पाँव की उंगलियों
की पौरों को चूमा
उसके पैरों की उंगलियों
के नाखूनों में नैल पॉलिश नहीं थी
एक धूल थी जमी हुई
जो केवल मुझसे मिलने
के लिए चलने पर
उसके पाँवों से लिपटी थी
उसके होंठो पर न सुर्खी थी
न गालों पर लालिमा
उसके होठों पर
एक पपड़ी जमी थी
जो लंबे सफर में
पानी न मिलने के कारण...