...

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EK MAZDOOR KI MAZBOORI
मज़दूर हूं मै, मज़दूरी करता हूं;
मज़बूरी में अपनी ज़िन्दगी जीता हूं;
गरीबी तो अपना साथी है;
तकलीफ़ में ही जीना पड़ती है;
कहा जाता है कि हर सुबह एक नई उम्मीद लाती है;
पर हमारी किस्मत तो कुछ और ही बया करती है;
बचपन से ही हम काम करना सीख जाते है;
शहर - शहर भटक अपनी ज़िन्दगी गुजारते है;
आज पूरा देश में लॉकडाउन है;
पर हमारी तकलीफों के बारे में कौन सोचता है;
अरे हम तो मज़दूर है;
हमे तो ऐसे ही जीना है;
कभी तो...