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🌹यूंही नहीं जुड़ते रिश्ते🌹
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते
उसने शुरुआत में कुछ तो सोचा होगा?
इस बंधन को वो कुछ तो नाम दिया होगा?
तुम्हें चुना साथी, कुछ तो विश्वास किया होगा?
यूंही नहीं जुड़ जाते तार दिलों के
यक़ीनन तुममें विशेष, कुछ तो देखा होगा?
जीवन के दीप में तेरे प्रेम का कुछ तो तेल जलाया होगा?
सुबह शाम प्रेम प्रतिक्षा में अपने नैनों को कुछ तो रूलाया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ जाते हैं रिश्ते
ईश्वर ने तुम्हें और उसे कुछ तो सोचकर ही मिलाया होगा?
Ruchi Arun...✍️✍️
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते
उसने शुरुआत में कुछ तो सोचा होगा?
इस बंधन को वो कुछ तो नाम दिया होगा?
तुम्हें चुना साथी, कुछ तो विश्वास किया होगा?
यूंही नहीं जुड़ जाते तार दिलों के
यक़ीनन तुममें विशेष, कुछ तो देखा होगा?
जीवन के दीप में तेरे प्रेम का कुछ तो तेल जलाया होगा?
सुबह शाम प्रेम प्रतिक्षा में अपने नैनों को कुछ तो रूलाया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ जाते हैं रिश्ते
ईश्वर ने तुम्हें और उसे कुछ तो सोचकर ही मिलाया होगा?
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