...

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एहसास ये कैसी !
तेरे यादों में खोये है,
तेरे ख्यालों में दुभे है !
मन में अजीबसी हरचल,
जिस्म में अजीबसी एहसास !

दिल की बात किसीसे ना कहला जायें ,
नाही ये दर्द सहजाये !
तेरी सासो की गरमाहट,
जिस्म की रूहु रूहु मे बसे !

तुमसे जुडी मेरी यादें,
ना जाने कब ख़तम होंगे !
ये दूरियां हमारी,
कितना करीब हमें लाये !

ये कैसी चाहत,
ये कैसी एहसास,
ये कैसी दूरी,
ये कैसी मजबूरी,
ये कैसी दीवानगी,
ये कैसी तकदीर !

ये कैसे सपने,
जिस का टूटना हमे इंकार है !
जो तुम्हे हमे जोड़ें,
कैसी ये दिल की एहसास !