...

5 views

तू तरसे इश्क़ को मेरे
तू तरसे इश्क़ को मेरे वो लम्हा भी इक़ रोज़ आएगा
टूटेगी साँसे जब तेरी अक्स मेरा ही ज़ेहन मे आएगा

पाक़ इश्क़ मेरा तुझें आख़री साँस तक याद आएगा
रुह को भी तेरी भला मेरे इश्क़ के कहाँ चैन आएगा

रुक ज़रा तू रब का भी तुझ तक इक़ पैग़ाम आएगा
मेरे इश्क़ के क़त्ल का हमदम तुझपे इल्ज़ाम आएगा

जब तरसे सकूँ को तू ज़बाँ पे तेरे मेरा ही नाम आएगा
तेरी हर इक़ बेवफ़ाई का तेरे सामने तब हिसाब आएगा

मुझें याद करके तेरी आँखों मे अश्कों का सैलाब आएगा
संग मेरे गुज़ारा इश्क़ मे वो हर पल तुझें तब याद आएगा।


© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "