...

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सत्यम शिवम् सुंदरम
श्रृष्टि का आधार है बो,

प्राणियों में जीवन तरंग का संचार है बो,

उन्हीं से है सब कुछ,

उन्हीं में सब समा जाता है,

क्रोधित होने पर जिनके,

ब्रह्मांड में प्रलय प्रकोप आता है।

बो सर्वेश्वर,

बो ही हैं महेश्वर,

देवों के देव महादेव बो,

बो ही हैं अखंड अखिलेश्वर।

ना उनका कोई जन्म,

ना ही कोई अंत है

जीवन काल उनका अनंतों में भी अनंत है।

दिवस की उजियार भी बो,

रात्रि का घोर अन्धकार भी बो,

यज्ञ से उठती पावन ज्वाला भी बो,

तो चिता की लटार भी बो।

कण कण में बो समाये हैं,

ऊर्जा के सभी...