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ब्याह कि ख़बर पार्ट -111
उधर चारों तरफ रोशनी और शहनाईयों के धुन,
इधर अंधेरे कमरे में मैं और मेरी चीखें,
उधर तुम्हारे दोस्त न जाने क्या-क्या कह कर चिढ़ाएंगे तुमको
इधर मेरे अनगिनत रूप बहुत सताएंगे मुझको,
उधर जब तुम्हारी नज़र पड़ेगी उन पर
हम तुम्हारी आंखों से ओझल हो जाएंगे,
उधर जब हाथ थामोगे उनका
इधर मानों मेरी धड़कनें रूक जाएगी
और वो क्या कहते हैं हां! वहीं जब करोगे तुम कबूल उनको
इधर मेरे दर्द का आखिरी असर होगा मुझ पर
और फिर हमेशा हमेशा के लिए हम ख़ामोश हो जाएंगे
हां मानों एक जिंदा लाश कि तरह रहा जाएंगे।।
© काल्पनिक लड़की
इधर अंधेरे कमरे में मैं और मेरी चीखें,
उधर तुम्हारे दोस्त न जाने क्या-क्या कह कर चिढ़ाएंगे तुमको
इधर मेरे अनगिनत रूप बहुत सताएंगे मुझको,
उधर जब तुम्हारी नज़र पड़ेगी उन पर
हम तुम्हारी आंखों से ओझल हो जाएंगे,
उधर जब हाथ थामोगे उनका
इधर मानों मेरी धड़कनें रूक जाएगी
और वो क्या कहते हैं हां! वहीं जब करोगे तुम कबूल उनको
इधर मेरे दर्द का आखिरी असर होगा मुझ पर
और फिर हमेशा हमेशा के लिए हम ख़ामोश हो जाएंगे
हां मानों एक जिंदा लाश कि तरह रहा जाएंगे।।
© काल्पनिक लड़की
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