ब्याह कि ख़बर पार्ट -111
उधर चारों तरफ रोशनी और शहनाईयों के धुन,
इधर अंधेरे कमरे में मैं और मेरी चीखें,
उधर तुम्हारे दोस्त न जाने क्या-क्या कह कर चिढ़ाएंगे तुमको
इधर मेरे अनगिनत रूप बहुत सताएंगे मुझको,
उधर जब तुम्हारी नज़र...
इधर अंधेरे कमरे में मैं और मेरी चीखें,
उधर तुम्हारे दोस्त न जाने क्या-क्या कह कर चिढ़ाएंगे तुमको
इधर मेरे अनगिनत रूप बहुत सताएंगे मुझको,
उधर जब तुम्हारी नज़र...