अधूरी नज़्म...
ये नज़्में, शेरों-शायरी, ग़ज़लें, कविताएं
नहीं होते फकत कोरे कागज पर लिखें अल्फाज़,
ये होते हैं किसी दिल के अनकहे अल्फाज़ अपने किसी खास और अज़ीज़ लोगों से बात करने का ज़रिए,
ये होते हैं उन दो लोगों कि मुलाकात का जरिया जिनका मिलना इस संसार कि नज़र में अपराध माना...
नहीं होते फकत कोरे कागज पर लिखें अल्फाज़,
ये होते हैं किसी दिल के अनकहे अल्फाज़ अपने किसी खास और अज़ीज़ लोगों से बात करने का ज़रिए,
ये होते हैं उन दो लोगों कि मुलाकात का जरिया जिनका मिलना इस संसार कि नज़र में अपराध माना...