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कुछ नही
RAAJ PREEET
कभी कभी सोचता हूँ मै कि सोचती है वो मुझे पर ऐसा कुछ नही है
हवाएं फुल, मो सम , सांसे ,जिस्म, जान , उसके बगैर है सब कुछ पर वो नही है तो कुछ नही है
PREEET दिन सी तपिश, रात सी ठण्डक, शाम सा मौसम, बहुत अच्छा होता है पर इसमे उसकी याद नही है तो कुछ नही है
वो सोचती तो होगी कि PREEET पहले क्यू नही बुला सकता उसको अब कौन उसे समझाए कि प्यार मे उसको खुश भी न देंखे तो कुछ नही है
कितना लिखा है PREEET ने उसको सुबह के आगाज से रात के अन्तिम समय तक कभी देखूं उसकी नजर से तो लिखा कुछ नही है
जैसे लोग खुदा को करते है याद वैसे ही हमारी जिन्दगी का पहला नाम है वो पर उसके लिए PREEET कुछ नही है
बिन उसके सांसे तो चलती है पर जिन्दगी कही रूक सी गई है सब कुछ पा लिया हमने पर वो नही तो कुछ भी नही है
उसकी नफरत से भी प्यार है हमे फिर भी यकीं हो वो आयेगी उससे लाख शिकायते है गर वो कही मिल जाये तो कुछ नही है
😮😮😮😮😮😮😮😮
© आवारा पागल दीवाना
कभी कभी सोचता हूँ मै कि सोचती है वो मुझे पर ऐसा कुछ नही है
हवाएं फुल, मो सम , सांसे ,जिस्म, जान , उसके बगैर है सब कुछ पर वो नही है तो कुछ नही है
PREEET दिन सी तपिश, रात सी ठण्डक, शाम सा मौसम, बहुत अच्छा होता है पर इसमे उसकी याद नही है तो कुछ नही है
वो सोचती तो होगी कि PREEET पहले क्यू नही बुला सकता उसको अब कौन उसे समझाए कि प्यार मे उसको खुश भी न देंखे तो कुछ नही है
कितना लिखा है PREEET ने उसको सुबह के आगाज से रात के अन्तिम समय तक कभी देखूं उसकी नजर से तो लिखा कुछ नही है
जैसे लोग खुदा को करते है याद वैसे ही हमारी जिन्दगी का पहला नाम है वो पर उसके लिए PREEET कुछ नही है
बिन उसके सांसे तो चलती है पर जिन्दगी कही रूक सी गई है सब कुछ पा लिया हमने पर वो नही तो कुछ भी नही है
उसकी नफरत से भी प्यार है हमे फिर भी यकीं हो वो आयेगी उससे लाख शिकायते है गर वो कही मिल जाये तो कुछ नही है
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© आवारा पागल दीवाना
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