...

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ओलावृष्टि
मेरी मेहनत का न्यूं खोंस निवाला,
के मिल्या आज तन्ने राम बता,
इस अन्नदाता दुखियारे नै,
इब और घना ना राम सता,

बालकां की जूं पाल पोश कै,
यो फसल करी थी जवान मन्नै,
मेरी मेहनत नै पानी में बहा कै,
के होई खुशी अपार तन्नै,

होए दुखी हम पहले तै ही,
काले कानूनों आले तै,
इक तेरे तै थी आश करी,
सच्चे सृष्टि के रखवाले तै,

या खड़ी फसल‌ मेरी लहरावै थी,
इस लेटी‌ जो हिम्मत हार कै,
या मांगी किस्मत आला करै दुहाई,
न्यून रोवै‌ आशा बिसार कै,

बालकां की फीस भरन की,चोंदी छात नै ठीक करन की,
मन्नै करकै आश लागै,करी खता,
मेरे धो दिए सपने ओलावृष्टि नै,
इस खुश‌ रहवन का कोई जतन बता,,,,,

:-निशा तेवतिया