माँ 💞💞
🤫🤫
दिन भी तो बीत गये राते भी सताती रही
यादें PREEET दिल मे हर पल तडपाती रही
भुले न कभी बिते लम्हे जो साथ बिताये थे
खयालों मे ढलकर PREEET अक्सर माँ याद आती रही
दिन महीने साल बदले कभी न पर हाल बदले
आये गये मौसम बहुत आखे बस बरसाती रही
रात के अंधेरो मे अकेले जब सोये हम
गमों ने PREEET साथ दिया खुशियाँ दहलीज से जाती रही
न कोई सपना रहा अपना भी न अपना रहा
जिमेदारी की जंजीरे पांव बस लडखडाती रही
आये आंसू आंखो मे खुद ही यार पोंछ लिये
कहा सुना कुछ भी नही आरजू दिल से बतलाती रही
दिल पत्थर का हम कर बैठे हम तो यू ही मर बैठे
जिन्दगी भी हमको हर पल अहसास मौत का करवाती रही
छौड़ा सब संसार जमाना फिर हमने सबको अपना माना
किसी को न समझा कभी पराया बात PREEET शायरी मे समाती रही
उदास से पल यहीं हम चले यहाँ से पर रहे वहीं
घुन की तरह यादें तब से हमको अन्दर से खाती रही
भूलें न कभी बिते लम्हे जो साथ बिताये थे
खयालों मे ढलकर PREEET अक्सर माँ याद आती रही
😓😓
© आवारा पागल दीवाना
दिन भी तो बीत गये राते भी सताती रही
यादें PREEET दिल मे हर पल तडपाती रही
भुले न कभी बिते लम्हे जो साथ बिताये थे
खयालों मे ढलकर PREEET अक्सर माँ याद आती रही
दिन महीने साल बदले कभी न पर हाल बदले
आये गये मौसम बहुत आखे बस बरसाती रही
रात के अंधेरो मे अकेले जब सोये हम
गमों ने PREEET साथ दिया खुशियाँ दहलीज से जाती रही
न कोई सपना रहा अपना भी न अपना रहा
जिमेदारी की जंजीरे पांव बस लडखडाती रही
आये आंसू आंखो मे खुद ही यार पोंछ लिये
कहा सुना कुछ भी नही आरजू दिल से बतलाती रही
दिल पत्थर का हम कर बैठे हम तो यू ही मर बैठे
जिन्दगी भी हमको हर पल अहसास मौत का करवाती रही
छौड़ा सब संसार जमाना फिर हमने सबको अपना माना
किसी को न समझा कभी पराया बात PREEET शायरी मे समाती रही
उदास से पल यहीं हम चले यहाँ से पर रहे वहीं
घुन की तरह यादें तब से हमको अन्दर से खाती रही
भूलें न कभी बिते लम्हे जो साथ बिताये थे
खयालों मे ढलकर PREEET अक्सर माँ याद आती रही
😓😓
© आवारा पागल दीवाना
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