...

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महफिलों से दूरी सी रखता हूं,,,
दिल ए पाख हूं मैं और जुबां शीरी सी रखता हूं,
बेवस्ल नुमाइशों से तश्ख़ीस फकीरी सी रखता हूं,

और सस्ती सी रखता हूं दिल ए मिल्कियत अपनी,
लोग कहते हैं मैं इश्क से वाफिर हक़ीरी सी रखता हूं,

और इतना सस्ता भी नहीं बुलंद ए मयार अ साकी,
हूं अहल ए हुनर दिलकशी में, मैं अमीरी सी रखता...