तैयार
ढलती रही शाम
बहेती रही रात
फिर एक नई सुबह हुई
धडी टीक टीक करती रही
समय बीतता गीया
तकिया भीगता गया
आँसु किसी ने नहीं देखे
चहेरा हसता...
बहेती रही रात
फिर एक नई सुबह हुई
धडी टीक टीक करती रही
समय बीतता गीया
तकिया भीगता गया
आँसु किसी ने नहीं देखे
चहेरा हसता...