पथिक
फैला ऐसा शोर चहु ओर
करता गुफ्तगू चित्त फिर कैसे?
भरमाए इस जीवन डगर मे
बन सारथी दिशा दिखाए कौन?
हो गयी सुषुप्त जो लालसा
अविरत लगन जगाए कैसे?
बैठा है जो रोष ठहरकर
दस्तक नव चेतना...
करता गुफ्तगू चित्त फिर कैसे?
भरमाए इस जीवन डगर मे
बन सारथी दिशा दिखाए कौन?
हो गयी सुषुप्त जो लालसा
अविरत लगन जगाए कैसे?
बैठा है जो रोष ठहरकर
दस्तक नव चेतना...