गज़ल
तन्हाइयों के साथ वक़्त इतना गुज़ारा,
की महफिलों में भी तन्हाइयाँ हमरंग हो गयी
सन्नाटों के हिसार में इस कदर घिरे रहें,
बजती शहनाइयों की धुन भी...
की महफिलों में भी तन्हाइयाँ हमरंग हो गयी
सन्नाटों के हिसार में इस कदर घिरे रहें,
बजती शहनाइयों की धुन भी...