...

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#ता-उम्र
कुछ कमाल होते हैं वो
मुकम्मल जिनको जहाँ हासिल है,
थोड़ी सी ज़मीन
और थोड़ा आसमाँ हासिल है।

हमनें तो तंग आकर
दोनो ही अधूरा छोड़ा है,
कुछ महबूब को रकी़ब किया
कुछ इश्क़ से नाता तोड़ा है।

न ज़मीन से कभी मोहब्बत हुई
न आसमाँ मेरे हिस्से आया है,
बस थोड़ा थोड़ा ता-उम्र “सbr”
हमने हर एक से दिल लगाया है।
© सbr