15 views
sunata kaun?
माटी की गागर के हित में,
पीतल को ठुकराता कौन?
नगरी _नगरी द्वारे _द्वारे,
सच्ची अलख जगाता कौन?
एक नही, दो चार नहीं,
लाखों आवाजें थीं रौशन,
ऐसे में फिर एक हमारी खामोशी
को सुन पाता कौन?
चांद _सितारे अंधे ठहरे,
गूंगे दीपक _राग सभी,
मेरे कत्ल की कहानी सुबह ,
सुनता कौन?
पीतल को ठुकराता कौन?
नगरी _नगरी द्वारे _द्वारे,
सच्ची अलख जगाता कौन?
एक नही, दो चार नहीं,
लाखों आवाजें थीं रौशन,
ऐसे में फिर एक हमारी खामोशी
को सुन पाता कौन?
चांद _सितारे अंधे ठहरे,
गूंगे दीपक _राग सभी,
मेरे कत्ल की कहानी सुबह ,
सुनता कौन?
Related Stories
24 Likes
6
Comments
24 Likes
6
Comments