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मर्ज
ना दिन को चैन मिले ना रात को आराम आए
रहे तू भी बेचैन रात भर और ये रात बीत जाए
बदुआ मेरी मेरे रकीब को
की तुझे भी ये इश्क की मर्ज लग जाए
भूल जाए चरासाज चारसजी अपनी
एक एक सांस को तरसे तू
तुझे इश्क ना मिले तेरा और तुझे मौत भी ना आए
© Anshu
रहे तू भी बेचैन रात भर और ये रात बीत जाए
बदुआ मेरी मेरे रकीब को
की तुझे भी ये इश्क की मर्ज लग जाए
भूल जाए चरासाज चारसजी अपनी
एक एक सांस को तरसे तू
तुझे इश्क ना मिले तेरा और तुझे मौत भी ना आए
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