एक् सफर बेचनि मन के साथ...
आज घर से हॉस्टेल जाने की बकक़्त हो गयी है
मन आज भी बेचानियों से भारी हुयी है
मानों जैसे की हे पेहली बार है...
मन आज भी बेचानियों से भारी हुयी है
मानों जैसे की हे पेहली बार है...