...

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बदनाम जिस्म...
एक जिस्म है बदनाम है, ये रात तेरे नाम है।
देखा मैंने लाखों शहर तेरा शहर गुमनाम है।

मोहब्बत तू बात ना कर, दिल तुझसे अंजान है।
जिस्म ही है प्यार तेरा, जिस्म तेरा बदनाम है।

लब पे तेरे हाथ रहा, अब लब मिला ले शाम है।
मैं अपनी नहीं कर रहा बात यहां,
तू और किसी का गुलाम है।

जिस्म ही है प्यार तेरा, जिस्म तेरा बदनाम है।

अंधेरा आ गया अब, आसमां में अब ना चांद है।
गुम हो जा तू नशे में अब, चूमे रकीब वो जो जाम है।

मैं नशे में हूं जा रहा, मेरे पास भी जाम है।
ये शाम है मतवाली देख, मतवाली ये शाम है।

एक जिस्म है बदनाम है, ये रात तेरे नाम है।
जिस्म ही है प्यार तेरा, जिस्म तेरा बदनाम है।

© Rahul Raghav

#raghavkipoetry #jism #Love&love #nafrat