...

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फ़िर होगी एक सुबह नई
क्यों घबराता बंदे क्यों होता तू परेशान है,
सूरज भी यहाँ उगने को लेता रात से बैर है,
छोड़ गया वक़्त पराया पराये यहाँ इंसान है,
छोड़ देते साथ अपनें गैरों से उम्मीद बेकार है,
रंग लाएगी मेहनत तेरी बुलंद होगा नाम तेरा,
आयेंगे कई मोड़ अजीब पथ पर तू डटे रहना,
जो छोड़ गए साथ बीच में उन्हें भी सलाम है,
दे गए वो सीख नई कि तू ही तेरा कदरदान है,
छोड़ बहाना तक़दीर का यकीं ला तदवीर पर,
करके हौसला ख़ुदी पर बढ़ मंज़िल की ओर,

© feelmyrhymes {@S}