वो भूल गई
उसकी नंगी पीठ पर
मेरी अंगुलियाँ लिखी थी जो प्यार,
वो भूल गई...
उसकी जाघ पर मैं ने
अपनी जीभ से लिखा था नीला इश्क़,
वो भूल गई...
होंठो से मैंने कहीं
उसके कोमल सफेद अंगो पर
चुप के से लिखा था मुहब्बत,
पर वो भूल गई...
कि भूलना उसकी विरासत है,
दिलों से खेलना उस की चाहत!
वो भूल गई अपनी ही कही बात
कि रिश्ता जो दिल से निभाते हैं, वही सच्चा ...
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मेरी अंगुलियाँ लिखी थी जो प्यार,
वो भूल गई...
उसकी जाघ पर मैं ने
अपनी जीभ से लिखा था नीला इश्क़,
वो भूल गई...
होंठो से मैंने कहीं
उसके कोमल सफेद अंगो पर
चुप के से लिखा था मुहब्बत,
पर वो भूल गई...
कि भूलना उसकी विरासत है,
दिलों से खेलना उस की चाहत!
वो भूल गई अपनी ही कही बात
कि रिश्ता जो दिल से निभाते हैं, वही सच्चा ...
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