...

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अकेली
अवसादो से भरी पड़ी हूं फिर भी लोगो को खाली - सी लगती हूं ।
आखों में नमी लिए घूमती हूं, फिर भी लोगो को सुखी - सी लगती हूं।
लोगो का दिल तो दरिये से भरा पड़ा है, मैं तो बस सुखा समंदर लिए फिरती हूं।
दुनिया भीड़-ए -जमाना है , और इसी भीड़ -ए - ज़माने में हर जगह खुद को अकेली ही पाती हूं ।

-sanju mei 🖤