...

25 views

है तमन्ना मेरी
भर लो मुझ को अंतस्तल में
बिखर जाये हर दर्द तेरे वक्षस्थल में

स्वरसाधित करो शुभऋचाएँ प्रेम की
आच्छादित करो भावनाएँ प्रेम की!

थाम लो मेरे उड़ते बादल से मन को
स्पर्श तेरा ले जाये अस्ताचल से उदयाचल में

राग बना लो मन का ,तन बन जाये बांसुरी तेरी
सुर सजीव कर वीणा के ,संगीत झंकृत हो जीवन में

© ऋत्विशा