...

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रफू
रफूं जो कर दिए सारे घाव तुमने
मगर वो दिखते हैं अब भी
रफूं जो कर दिए सारे घाव तुमने
मगर वो दुखते हैं अब भी
चलो माना की जल्दी न कोई जान पाया
मगर जब देर तक बैठे तो बिना छुए वो रह न पाया
फिर पूछ कर फिर जान कर
रफूं जो कर दिए सारे घाव तुमने
उनको कुरेदा जाएगा उनको छेड़ा जाएगा
जानकर हर बार फिर भी
हर बार तो हर जगह तो न हो सकेगा ये घाव रफू
छिप कर भी वो दूर से दिख जाता है रफू
वो नहीं मेल खा पा रहा
मुझसे
मैंने रफू करना छोड़ दिया
बेफिक्र हो दिखने दिया
अब कोई भी ध्यान देता ही नहीं
तुम सिर्फ रफू कर सकते हो
भर नहीं सकते किसी के घाव को
शायद उस घाव का उस चोट का
मलहम हूं मैं स्वयं
शायद तुम नहीं।

#lifephilosophy #longform

पता नहीं मैंने क्या लिखने की कोशिश की है
आशा है आप सभी को थोड़ा समझ आएगा और पसंद भी।

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