आहट
एक आहट सी होती रही,
कभी धीरे से तो कभी ज़ोर से।
यादों को थपथपाती और पास बुलाती,
फिर सपनों की तरह गुम हो जाती।
एक मुस्कुराहट सी होती...
कभी धीरे से तो कभी ज़ोर से।
यादों को थपथपाती और पास बुलाती,
फिर सपनों की तरह गुम हो जाती।
एक मुस्कुराहट सी होती...