हम मुसाफिर तेरे शहर में
ठिकाना ढूँढते बद से बत्तर हुए,
दर्द इतना की हर आँसू पत्थर हुए;
डूब रहे तेरे यादों के लहर में,
हम मुसाफिर तेरे शहर में।
आयेगी जब सावन की घटा इस बार,...
दर्द इतना की हर आँसू पत्थर हुए;
डूब रहे तेरे यादों के लहर में,
हम मुसाफिर तेरे शहर में।
आयेगी जब सावन की घटा इस बार,...