इल्तजा़ ....
बस इती इल्तजा़ है , उसे इतनी समझ दे,
यूं बेवफाई का खेल ना खेले हमसे ,
जिसकी सांसों में भी ,अब बस वही बसा हो ,
जिसकी नजरें ,उसकी...
यूं बेवफाई का खेल ना खेले हमसे ,
जिसकी सांसों में भी ,अब बस वही बसा हो ,
जिसकी नजरें ,उसकी...