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साल नया !
आ गया एक और साल नया
कर न दे हम कोई कमाल नया
रोज़मर्रा की ज़िंदगी से परे
अब तो ईजाद हो ख़याल नया
हो जवाबों से भी बगावत अब
आओ पैदा करें सवाल नया
चोर चोरी की दौलतों से यहाँ
ला ख़रीदेगा कोतवाल नया
लोग कहते हैं देख कर ग़ज़लें
"अजनबी" शे'र कुछ निकाल नया !
© हर्ष
कर न दे हम कोई कमाल नया
रोज़मर्रा की ज़िंदगी से परे
अब तो ईजाद हो ख़याल नया
हो जवाबों से भी बगावत अब
आओ पैदा करें सवाल नया
चोर चोरी की दौलतों से यहाँ
ला ख़रीदेगा कोतवाल नया
लोग कहते हैं देख कर ग़ज़लें
"अजनबी" शे'र कुछ निकाल नया !
© हर्ष
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