नज़्म
तुम किसी फूल की पत्ती सा हो नाज़ुक चेहरा
तुम किसी ओस के क़तरे सा लरज़ता पल हो
तुम कोई दीप हो चंदा की ज़मीं पर जैसे
तुम किसी सूफ़ी की सूरत का हो ठंडा साया
तुम सा कोई...
तुम किसी ओस के क़तरे सा लरज़ता पल हो
तुम कोई दीप हो चंदा की ज़मीं पर जैसे
तुम किसी सूफ़ी की सूरत का हो ठंडा साया
तुम सा कोई...