नज़्म
तुम किसी फूल की पत्ती सा हो नाज़ुक चेहरा
तुम किसी ओस के क़तरे सा लरज़ता पल हो
तुम कोई दीप हो चंदा की ज़मीं पर जैसे
तुम किसी सूफ़ी की सूरत का हो ठंडा साया
तुम सा कोई नहीं दुनिया के किसी कोने में
तुम मेरे वास्ते हो सिर्फ़, मेरे ही रहना
मैं तुम्हारे ही लिए जन्मा गया हूँ शायद
ऐसा गरचे नहीं होता तो न होते तुम भी
तुमको विश्वास न हो तो मैं दिखाऊँ मर कर
तुम भी मिट जाओगे हमदम मेरे मरने के बाद
© All Rights Reserved
तुम किसी ओस के क़तरे सा लरज़ता पल हो
तुम कोई दीप हो चंदा की ज़मीं पर जैसे
तुम किसी सूफ़ी की सूरत का हो ठंडा साया
तुम सा कोई नहीं दुनिया के किसी कोने में
तुम मेरे वास्ते हो सिर्फ़, मेरे ही रहना
मैं तुम्हारे ही लिए जन्मा गया हूँ शायद
ऐसा गरचे नहीं होता तो न होते तुम भी
तुमको विश्वास न हो तो मैं दिखाऊँ मर कर
तुम भी मिट जाओगे हमदम मेरे मरने के बाद
© All Rights Reserved
Related Stories