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पुष्प सा कोमल है.....
पुष्प सा कोमल है, ये ह्रदय हमारा,
इसे अपने आप से, ही रहने दो.......
जो शब्द ठहरा हो, छिप के भीतर,
कभी चेहरे पर भी, झलक जाने दो.....
पर संभल के जरा, थोडा धीरे से,
नाजूक सा है दिल, उसे रहने दो.....
पुष्प सा कोमल......
जो चाहते है बसी, भीतर हीं कहीं,
उन्हे होठोंपर, हलके से आने दो......
पर जरा हलके से, संभालो मामला ये,
नाजूक से इन, एहसासों को रहने दो......
पुष्प सा कोमल.........
© PradnyaBhide
इसे अपने आप से, ही रहने दो.......
जो शब्द ठहरा हो, छिप के भीतर,
कभी चेहरे पर भी, झलक जाने दो.....
पर संभल के जरा, थोडा धीरे से,
नाजूक सा है दिल, उसे रहने दो.....
पुष्प सा कोमल......
जो चाहते है बसी, भीतर हीं कहीं,
उन्हे होठोंपर, हलके से आने दो......
पर जरा हलके से, संभालो मामला ये,
नाजूक से इन, एहसासों को रहने दो......
पुष्प सा कोमल.........
© PradnyaBhide
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