...

9 views

जिंदगी जीने का नाम है
गैरों से गम छुपाते - छुपाते
अपनों से झूठा मुस्कुराते - 2
जो अपने थे जिनसे गम हमारे बटते थे
किनारे करता चला गया झूठा हँसते - 2
हम भी क्या करते जो करीब थे वो दूर थे और जो करीब थे वो करीब होकर भी दूर थे
करीबवालों ने हमसे दूरी बना ली और दूर वालों से हमने
और रह गए तन्हा झूठी मुस्कुराहट को दे पन्हा
चुनाव तो मैने ही किया था ऐसी जिंदगी का
तो अब तन्हा ही तय करूँगा सफर इस जिंदगी का
क्या पता सफर में कोई हमसफर मिल जाए और जिंदगी संवर जाए
ले उम्मीद चल दिए जिंदगी की डगर पर
राहें ख़त्म होंगी और उम्मीद संग होगी साथी सरगम बनकर
क्योंकि जिंदगी थमती नहींं, राहें ख़त्म होती नहींं
सफर तो तय करना है साँसे मर्जी से रूकती नहींं
और हर सफर तो नहींं सुहाना होता
पर जिंदगी का भंवर तो है सुलझाना होता
तो क्यों न उम्मीद रूपी लों की रोशनी में जीये और साथी बनाकर इसे जीवन व्यतीत करें
© All Rights Reserved