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जिया कब है
घर बार छोड़ा
मां बाप छोड़ा
भाई बहन छोड़ा
हर एक रिश्ता छोड़ा ।
अपनी इच्छाएं छोड़ी
अपना पसंदीदा खाना छोड़ा
अपनी जरूरतें छोड़ी
अपना अभिमान छोड़ा ।
अपना पहनावा छोड़ा
अपनी सोच छोड़ी
अपनी खुशियां छोड़ी
अपना वजूद भी छोड़ा।
सिर्फ छोड़ती आई सब कुछ
इस चाह में, किसी का प्यार पा सकूं
हमेशा सुनती आई " मैंने रोका कब है "
बस यही काफी था सोचने के लिए
मैंने जिंदगी जिया कब है।।।
13th Jun 2020
5:50pm
© Rohini Sharma
मां बाप छोड़ा
भाई बहन छोड़ा
हर एक रिश्ता छोड़ा ।
अपनी इच्छाएं छोड़ी
अपना पसंदीदा खाना छोड़ा
अपनी जरूरतें छोड़ी
अपना अभिमान छोड़ा ।
अपना पहनावा छोड़ा
अपनी सोच छोड़ी
अपनी खुशियां छोड़ी
अपना वजूद भी छोड़ा।
सिर्फ छोड़ती आई सब कुछ
इस चाह में, किसी का प्यार पा सकूं
हमेशा सुनती आई " मैंने रोका कब है "
बस यही काफी था सोचने के लिए
मैंने जिंदगी जिया कब है।।।
13th Jun 2020
5:50pm
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