आखिर क्यों........
खेलकर खेल राजनीति का क्यूं असलियत भूल जाते हो,
जिनकी वजह से भरता भंडार यहां क्यूं उनको धिक्कारते हो,
जिन पंच तत्वों से बना जिस्म हम सबका,
क्यूं उस प्रकृति का दोहन बेहिसाब करते हो,
मानते हैं विकास को जरूरी क्यूंकि यह समय की गुहार है,
पर अपनी खुशी की...
जिनकी वजह से भरता भंडार यहां क्यूं उनको धिक्कारते हो,
जिन पंच तत्वों से बना जिस्म हम सबका,
क्यूं उस प्रकृति का दोहन बेहिसाब करते हो,
मानते हैं विकास को जरूरी क्यूंकि यह समय की गुहार है,
पर अपनी खुशी की...