...

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सजनी के लिए
जो सोचा है उसे लबों से कैसे कहूँ
सोचता हूँ अब हर बात नज़रों से कहूँ

एक मुलाकात के लिए सारी जिंदगी
तेरे नाम कर दी
और भला मैं क्या करूँ
मैं मोहब्बत करता हूँ
तू मोहब्बत नहीं समझती मैं क्या करूँ

तेरे दीदार के लिए आंखे तरश गयी
भला कब तक तेरा इंतज़ार करूँ।



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