जिसे छोडा़ है कुछ नहीं समझकर
जिसे छोडा़ है कुछ नहीं समझकर
वो शख्स बहुत कुछ है
इक तेरी निगाह में जोकर बना रहा
तुझे खुशियाँ देने के लिए
तेरी नासमझी की हदें बहुत है
अब भी चली आओ तुम, तुम्हारे जाने का गम बहुत है
याद है वो दिन जब तुमने पागल कहा था
मेरी आँखों में सिर्फ तेरा चेहरा रहा था
कह कर गयी थी मिलोगी मुझसे
जिसका इंतज़ार मुझे अब तक रहा था
कह दो एक बार फिर पागल
जो तुमने पहले कहा था।
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वो शख्स बहुत कुछ है
इक तेरी निगाह में जोकर बना रहा
तुझे खुशियाँ देने के लिए
तेरी नासमझी की हदें बहुत है
अब भी चली आओ तुम, तुम्हारे जाने का गम बहुत है
याद है वो दिन जब तुमने पागल कहा था
मेरी आँखों में सिर्फ तेरा चेहरा रहा था
कह कर गयी थी मिलोगी मुझसे
जिसका इंतज़ार मुझे अब तक रहा था
कह दो एक बार फिर पागल
जो तुमने पहले कहा था।
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