आख़िर क्या है ज़िन्दगी?
सफलता की राहों में कितनी भी मुश्किलें क्यों न भरी हो
उसे पार कर जीत हासिल करना ही ज़िन्दगी है।
मंजिल चाहे कितनी भी दूर हो
मंजिल तक हर हाल में पहुंचना ही ज़िन्दगी है।
रिश्तों में कितनी भी दरारे भरी हो
उन दरारो को दूर करना ही ज़िन्दगी है।
आसमान में कितने भी काले बादल क्यों न हो
उन बादलों के नीचे काम...
उसे पार कर जीत हासिल करना ही ज़िन्दगी है।
मंजिल चाहे कितनी भी दूर हो
मंजिल तक हर हाल में पहुंचना ही ज़िन्दगी है।
रिश्तों में कितनी भी दरारे भरी हो
उन दरारो को दूर करना ही ज़िन्दगी है।
आसमान में कितने भी काले बादल क्यों न हो
उन बादलों के नीचे काम...