जिन्दगी
जिंदगी हरपाल कुछ कहती हैं
जब चोट लगे तो उसे भी सहती हैं
धुप हो या छाव चलती रहती हैं
और एक पल थक कर बैठ जाति हैं
तो कभी उस रह वापस नहीं आती हैं.
जब चोट लगे तो उसे भी सहती हैं
धुप हो या छाव चलती रहती हैं
और एक पल थक कर बैठ जाति हैं
तो कभी उस रह वापस नहीं आती हैं.
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